मलेरिया होने पर क्या न खाए और क्या खाए........
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बारिस का मौसम पूरा होने के बाद मच्छरजन्य रोग शरू हो जाते है। उन रोगी में से एक मलेरिया रोग जिसकी जानकारी आज हम आपके देगे। दोस्तो आपको पता होगा कि मलेरिया रोग मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। मलेरिया रोग पैरासाइट के कारण होता है। हमारे भारत देश मे बारिस के मौसम में मलेरिया काफी मुसीबत का कारण होता है।आइए जानते है मलेरिया रोग के बारे में...
मलेरिया के लिए जवाबदार पैरासाइट :-
- प्लाजमोडियम फेलसिपेरम
- प्लाजमोडियम ओवेल
- प्लाजमोडियम वायवेक्स
- प्लाजमोडियम नॉलेसि
मलेरिया रोग के लक्षण :-
- ठंड और सिर दर्द
- पसीना के साथ बुखार
- उल्टी
- फ्लू
मलेरिया होने पर क्या न खाए :-
- मसालेदार भोजन न ले
- ठंडा पानी न पिए
- ठंडे पानी से नहाना नही
- खट्टे फल का सेवन न करे
- तला हुआ खाना न खाए
मलेरिया होने पर क्या खाना चाहिए :-
- सेब खाए
- साबूदाना खाए
- जामफल
- तुलसी का कड़ा
मलेरिया से बचने के लिए उपाय :-
- पानी का ढक कर रखो
- मच्छर को मारो
- मच्छर न काटे इस लिए शरीर को ढकी
- मच्छर मारने की दवा का छँटकाव
- मच्छर के उपद्रव को नाश करे
- पानी के खड्डे में केरोसिन डाले
- मलेरिया को रोकने के लिए मछलियों की एक विशेष जात को पाला जाता है । ये मछलिया पानी मे से मच्छर के लारवा को खा जाती है और मच्छर पैदा होते नही।
- मलेरिया से बचनेके लिए रात को मच्छरदानी का उपयोग कीजिये।
मादा एनोफिलीज मच्छर
- यह मच्छर रात में काटता है
- यह मच्छर के पंख पर काले टिपकी होती है
- यह मच्छर 1 से 4 किमी तक उड़ शकता है
नेशनल मलेरिया ईरेडिकेशन प्रोग्राम ( National Malaria Eradication Programme )
दोस्तो , 1958 में मलेरिया को रोकने के लिए कार्यक्रम किया गया था। मलेरिया को रोकने के लिए कई बड़े कार्यक्रम किए गए थे । जिसकी वजह से मलेरिया के केस कम हुए।
भारत सरकार ने 1977 में National Malaria Eracation Programme की नई नीति अपनाई। प्रथम पंचवर्षीय योजना के आधीन देशभर में 162 मलेरिया नियंत्रण यूनिट स्थापित किए गये। 1958 से विश्व आरोग्य संस्था ने मलेरिया समाप्ति कार्यक्रम चालू किया। 1977 में फिर से यह कार्यक्रम चालू किया गया।
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